5/30/16

बरस जाना इस बार

जमीन जल चुकी है आसमान बाकी है ।
 सूखे दरख्तों तुम्हारा इम्तहान बाकी है ।

बरस जाना इस बार वक़्त पर अब्रे रेहमत 
किसी का मकान गिरवी है किसी का लगान बाकी है..🙏🏻|
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